उत्साह कौशल का अर्थ एवं नियम | Enthusiasm skill in hindi

उत्साह (Enthusiasm)

मन की वह वृत्ति या स्थिति जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य प्रसन्न होकर और तत्परतापूर्वक कोई काम करने या कोई उद्देश्य सिद्ध करने के लिए अग्रसर या प्रवृत्त होता है तो उसे उत्साह कहते हैं। उत्साह यानि ऊर्जा किसी भी इन्सान में हो तो उसकी परिभाषा ही बदल जाती है।

Enthusiasm Meaning in hindi

क्या होता है उत्साह? हर वो आदमी जीवन में सफल जरूर हुआ है जिसके अंदर उत्साह होता है। किसी भी कार्य को करने के लिए जब तक हमारे अंदर excitement नहीं होगा तब तक हमसे वह कार्य सही से और time पर नहीं हो पाएगा और न ही कोई उससे ज्यादा कुछ सीख पायेगा।

ये ऊर्जा आपको कहीं से नहीं मिलेगी, ये किसी मार्किट में नहीं मिलेगी, ये तो आपको हमको अपने अंदर दिखानी पड़ती है या यू कहे पैदा करनी पड़ती है अगर आपने अपने अंदर उत्साह नई उमंग भर ली तो फिर आप सक्सेस हो गए। Excitement का meaning क्या होता है ये आपको हम बेहतर तरीके से बताने की पूरी कोशिश करेंगे। आपने कभी बड़े बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा कि अगर किसी कार्य में सफल होना है तो तीन बाते जरूर सुनी होंगी-

  1. शेर जैसा उत्साह
  2. बाज जैसी नजर।
  3. कुत्ते जैसी नींद।

सबसे पहले बात करते हैं जंगल के राजा शेर की, शेर से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। कहते हैं कि शेर बहुत आलसी जानवर होता है कि जब तक उसे भूख नहीं लगती वह शिकार भी नहीं करता सोता ही रहता है। लेकिन शेर की यही आदत उसके व्यक्तित्व को निखारती है कि वह बिना वजह किसी का शिकार नहीं करता और उसके व्यक्तित्व को उसकी एक और बात भी निखारती है वह है उसका उत्साह जोकि वो अपने शिकार के समय दिखाता है।

जब भी वह शिकार के लिए निकलता है तो पूरे उत्साह के साथ शिकार करता है वह उस शिकार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर ही शिकार करता है। जब वह शिकार करता है तो उसे परवाह नहीं होती कि उसकी जान जाएगी या वह जख्मी हो जाएगा उसे केवल यह मालूम होता है कि यह शिकार मेरा लक्ष्य है और 90% स्थितियों में वह सफल होकर लौटता है यह होता है excitement का असली अर्थ।

अब बात करते हैं बाज जैसी नजर, बाज जैसी नजर होने का सीधा मतलब focus is key to success से है मतलब आप जब भी कोई कार्य करें तो आपका सारा फोकस उसी कार्य पर होना चाहिए फिर आपको सफलता मिलने के chance अधिक रहेगे। फोकस का मतलब होता है जब आप किसी कार्य को करें तो सारा का सारा ध्यान उस कार्य पर रखें, सारा का सारा फोकस मतलब यह भी नहीं कि आप अपने सभी कार्य छोड़कर एक ही कार्य में लगे रहे।

इसका मतलब यह है कि आप जब भी किसी कार्य को करें अपना पूरा फोकस उस कार्य पर रखे तब तक दूसरा कार्य न करें जब तक वह complete न हो जाये। अगर आप एक साथ दो कार्य करेंगे तो आप किसी भी कार्य में मन नहीं लगा पाएँगे जिससे आपका कोई भी सही से नहीं हो पाएगा जब आप कोई कार्य करे तो उस पर कार्य आपकी बाज जैसी नजर होनी चाहिए। आपको लक्ष्य के अलावा कुछ और नहीं दिखना चाहिए।

जैसे कौरवों और पांडवों को शिक्षा देते हुए आचार्य द्रोण ने अपने सभी शिष्यों को पेड़ पर बैठी एक चिड़िया पर तीर से निशाना लगाने को कहा और सभी से पूछा कि तुम्हें उस पेड़ पर क्या नजर आ रहा है। तब किसी ने कहा कि मुझे एक चिड़िया कुछ पत्ते नजर आ रहे हैं तो किसी ने कहा कि मुझे पूरी चिड़िया नजर आ रही है। परन्तु अर्जुन से जब पूछा गया तब उसने एक ही जवाब दिया कि मुझे उस चिड़िया को आँख नजर आ रही है।

आचार्य द्रोण ने बात काटते हुए फिर से पूछा कि तुम्हें कुछ और नजर नहीं आ रहा तब भी अर्जुन ने यही कहा कि मुझे केवल उस चिड़िया की आंख नजर आ रही है। आचार्य द्रोण खुश हुए और निशाना लगाने को कहा और आगे चलकर यह एक महान धनुर्धर बना जैसा कि हम सभी जानते हैं।

उत्साह बढ़ाने के नियम (Rules of Boosting Enthusiasm)

1. चिन्ता न करें:— आज की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में किसी न किसी चीज को लेकर सभी को चिन्ता रहती है, चाहे वह स्कूल का बच्चा हो या कोई बड़ा हो। यदि आप हमेशा उत्सुक रहना चाहते है तो आपको चिन्ता बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। चिन्ता से मुरझाए चेहरे पर कभी भी मुस्कान आ ही नहीं सकती और बिना खुश के आप उत्साहित हो ही नहीं सकते। उत्साहित रहने के लिए आपका खुश रहना जरूरी है और जब तक आप किसी चीज को लेकर चिन्ता में हैं तब-तक आप खुश नहीं हो सकते है। और जब तक आप खुश नहीं रहेंगे तब तक आप उत्साहित नहीं हो सकते। कहने का मतलब यह है कि आपको हतोत्साहित करने का सबसे बड़ा कारण चिन्ता है।

2. अपने आप को हमेशा motivate करते रहें:- उत्साह बढ़ाने के लिए सबसे पहला महत्त्वपूर्ण चरण यही है कि आप हमेशा अपने आप को motivate करते रहें। Motivate रहने के लिए आप कोई भी motivational article पड़ सकते हैं अपने आप को motivate करने से आप के अंदर उत्साह उत्पन्न होगा।

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