ई-बुक से क्या अभिप्राय है? What is an ebook in hindi
ई-बुक से क्या अभिप्राय है?
ई-बुक का अर्थ पाठ्यपुस्तकें, छात्रों द्वारा उपयोग में लायी जाने वाले सबसे सामान्य अधिगम संसाधन है। विषय ज्ञान के संवर्धन के लिए छात्रों द्वारा संदर्भ पुस्तकों का भी उपयोग किया जाता है। पाठ्य पुस्तकें तथा संदर्भ पुस्तकें, दोनों मुद्रित रूप में उपलब्ध है तथा एक विशिष्ट प्रकार से संगठित रेखीय विषयवस्तु का पालन करती हैं। परन्तु तकनीक के आ जाने से, किताबों को अब इलेक्ट्रानिक रूप से तैयार किया जाता है। ई-बुक्स, मुद्रित किताबों का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है।
JISC, ई बुक्स की व्याख्या इस प्रकार करता है "मुद्रित पुस्तकों का एक ऑनलाइन संस्करण, जिसतक इन्टरनेट द्वारा पहुंचा जाता है।" सामान्यतया पूरी पुस्तक के इलेक्ट्रानिक संस्करण को ई-बुक के रूप में माना जाता है। इसे एक कम्प्यूटर, पीसी, मैक, लैपटॉप, पीडीए, अथवा अन्य किसी प्रकार के कम्प्यूटर पर डाऊनलोड किया जाता है। तथा स्क्रीन पर पढ़ा जाता है। ई-बुक विभिन्न प्रकारों में हो सकते हैं (जैसे- पीडीएफ, ईएक्सई द्वारा संगृहित एचटीएमएल पेजेज, पीडीए, आदि)। मुद्रित पुस्तकों की ही तरह, ई-बुक्स में भी विषयसूची, पृष्ठ संख्या, चित्र, ग्राफिक्स, चित्रण, हाइपरलिंक्स तथा अन्य संलग्नक होते हैं। यहाँ तक कि वीडियो तथा एनिमेशन्स भी ई-बुक्स में शामिल हो सकते हैं।
ई-बुक्स कैसे विकसित किये जाते हैं? आप किसी भी एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते है, जिसका उपयोग टेक्सट/दस्तावेज विकसित करने के लिए होता है। उदाहरण के लिए, माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ओपन ऑफिस, या अडोब पेज मेकर वर्ड डॉक्यूमेन्ट सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है। एक बार आपने टेक्सट डाल दिया तो उसे सुरक्षित किया जा सकता है। अब सुरक्षित की गयी पुस्तक एक ई-बुक है। उसके बाद, ई-बुक को इन्टरनेट पर अपलोड किया जा सकता है। यहाँ तक कि ई-बुक्स तक संग्रहित अवस्थिति से भी पहुंचा जा सकता है तथा आप उन्हें ऑफलाइन पढ़ सकते हैं। ई-बुक को पढने के लिए, कम्प्यूटर तथा रोडिंग उपकरण/ सॉफ्टवेयर (ई-बुक रीडर) आवश्यक है। कुछ रोडिंग उपकरण (ई-बुक रीडर) है-किंडल किंडल डीएक्स, सोनी टेली रीडर्स तथा चूक, चूक कलर, कोबो, अस्टक इंजी रोडर। इसलिए, प्रक्रिया आसान है; ई-बुक ढूंढे तथा ई-बुक रीडर का उपयोग कर उसे पढ़ें।
ई-बुक्स के लाभ
ई-बुक्स के निम्नलिखित लाभ हैं-
- ई-बुक्स की विषयवस्तु कभी भी अद्यतन की जा सकती है। इसे अद्यतन करने में होने वाला खच मुद्रित पुस्तक के अद्यतन किये जाने की तुलना में कम होता है।
- ई-बुक्स में लिखित सामग्रह, ऑडियो, वीडियो, एनीमेशन, आदि हो सकते हैं। ई-बुक्स की प्रकृति संवादात्मक भी हो सकती हैं।
- ई-बुक्स को खरीदना आसान होता है। तथा इसे इन्टरनेट से डाऊनलोड भी किया जा सकता है तथा मुद्रित पुस्तकों की तरह इसमें पैक करने तथा भेजे जाने का खर्च शामिल नहीं होता।
- ई-बुक्स तुरंत ही सौंपे जा सकते हैं तथा इन्हें कभी भी खरीदा जा सकता है। ई-बुक्स तक कही से भी पहुँचा जा सकता है।
- ई-बुक्स के भंडारण में मुद्रित पुस्तकों की तुलना में बहुत ही कम स्थान लगता है। ई-बुक्स तैयार करना आसान है तथा इसके लिए कागज की आवश्यकता नहीं होती।
- ई-बुक्स कहीं भी ले जाने योग्य होते है। उन्हें लैपटॉप, मोबाइल, आईपॉड्स, सीडी, आदि में ले जाया जा सकता हैं।
- ई बुक्स में दी गयी सूचना को सरलता से ढूंढा जा सकता है। पृष्ठों को वांछित पृष्ठ संख्या टाइप कर ढूंढा जा सकता है।
- आप जहाँ भी जाएँ, कई ई-बुक्स साथ ले जा सकते हैं।
- ई-बुक्स का बेचा जाना तथा वितरण काफी आसान है।
- ई-बुक्स उपयोग में आसान है। अक्षरों का आकार, लिखित सामग्री का रंग तथा पृष्ठभूमि पाठक की पसन्द के अनुसार बदले जा सकते हैं।
- ऐसा कभी नहीं होता कि ई-बुक्स स्टॉक में न हों।
ई-बुक्स की हानियां
ई-बुक्स की हानियां निम्नलिखित हैं-
- ई-बुक्स पढ़ने में सुविधाजनक नहीं होते। डिजिटल यंत्रों का उपयोग कर ई-बुक्स पढ़ने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं।
- मुद्रित किताबें सही तरीके से परिबद्ध रूप में आती है। लेकिन यदि आप चाहते है कि ई-बुक् को मुद्रित कराये तो मुद्रण मूल्य शामिल होता है तथा यह सही प्रकार से परिबद्ध नहीं भी हो सकता है।
- ई-बुक्स डाऊनलोड किये जा सकते हैं, मुद्रित किये जा सकते हैं तथा व्यापक स्तर पर वितरित किये जा सकते हैं तथा यह पायरेसी की समस्या खड़ी करता है।