मापन और मूल्यांकन में अंतर | Difference between Measurement and Evaluation in hindi
मापन का अर्थ (Meaning of Measurement)
किसी भौतिक राशि का परिमाण संख्याओं में व्यक्त करने को मापन कहा जाता है। मापन मूलतः तुलना करने की एक प्रक्रिया है। इसमें किसी भौतिक राशि की मात्रा की तुलना एक पूर्वनिर्धारित मात्रा से की जाती है। इस पूर्वनिर्धारित मात्रा को उस राशि-विशेष के लिये मात्रक कहा जाता है। उदाहरण के लिये जब हम कहते हैं कि किसी पेड़ की उँचाई 10 मीटर है तो हम उस पेड़ की उचाई की तुलना एक मीटर से कर रहे होते हैं। यहाँ मीटर एक मानक मात्रक है जो भौतिक राशि लम्बाई या दूरी के लिये प्रयुक्त होता है। इसी प्रकार समय का मात्रक सेकण्ड, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम आदि हैं।
मापन की परिभाषा (Definition of Measurement)
1. एस० एस० स्टीवेन्स के अनुसार, "मापन किन्ही निश्चित स्वीकृत नियमों के अनुसार वस्तुओं को अंक प्रदान करने की प्रक्रिया है।"
2. हैल्मस्टेडटर के अनुसार, "मापन को एक प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें किसी व्यक्ति या पदार्थ में निहित विशेषताओं का आंकिक वर्णन होता है।"
3. गिलफोर्ड के अनुसार- “मापन वस्तुओं या घटनाओं को तर्कपूर्ण ढंग से संख्या प्रदान करने की क्रिया है।”
मूल्यांकन का अर्थ (Meaning of Evaluation)
मूल्यांकन का शाब्दिक अर्थ मूल्य का अंकन करना है। दूसरे शब्दों में मूल्यांकन मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया है। मूल्यांकन शिक्षण प्रक्रिया का एक अविच्छिन्न अंग है। यह प्रक्रिया निरन्तर चलती रहती है। शिक्षक अपनी कक्षा के छात्रों का मूल्यांकन करते रहते हैं। मापन के अन्तर्गत किसी व्यक्ति या वस्तु के गुणों अथवा विशेषताओं का वर्णन किया जाता है जबकि मूल्यांकन के अन्तर्गत उस व्यक्ति अथवा वस्तु की विशेषताओं की वांछनीयता पर दृष्टिपात किया जाता है। मापन मूल्यांकन का एक अंग मात्र है।
मूल्यांकन की परिभाषा (Definition of Evaluation)
मूल्यांकन की परिभाषाएं निमंलिखित हैं-
1. ब्रेडफील्ड एवं मोरडोक के अनुसार, "मूल्यांकन किसी घटना को प्रतीक आवष्टित करना है जिससे उस घटना का महत्त्व अथवा मूल्य किसी सामाजिक, सांस्कृतिक अथवा वैज्ञानिक मानदण्ड के सन्दर्भ में ज्ञात किया जा सके।"
2. एच० एच० रैमर्स तथा एम० एल० गेज के अनुसार, "मूल्यांकन में व्यक्ति अथवा समाज अथवा दोनों की दृष्टि से क्या अच्छा है अथवा क्या वांछनीय है का विस्तार निहित रहता है।"
3. एन० एम० डाण्डेकर के अनुसार, “मूल्यांकन को छात्रों के द्वारा शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करने की सोमा ज्ञात करने की क्रमबद्ध प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।"
मापन और मूल्यांकन में अन्तर
S.No. | मापन (Measurement) | मूल्यांकन (Evaluation) |
1. |
मापन का क्षेत्र सीमित होता है। मापन में व्यक्तित्व के कुछ ही आयामों की परीक्षा सम्भव होती है। | मूल्यांकन का क्षेत्र व्यापक होता है। इसमें छात्र के सम्पूर्ण व्यक्तित्व की परीक्षा की जाती है। |
2. |
मापन के द्वारा तुलनात्मक अध्ययन सम्भव नहीं। | मूल्यांकन के द्वारा तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है। |
3. |
मापन एक साधन है, अपने आप में रहा नहीं। | मूल्यांकन अपने आप में एक साध्य है। |
4. |
मापन किसी छात्र के सम्बन्ध में स्पष्ट धारणा व्यक्त नहीं करता। | मूल्यांकन के आधार पर किसी छात्र के विषय में स्पष्ट धारणा बनायी जा सकती है। |
5. |
मापन का कार्य साक्ष्यों का एकत्रीकरण करना होता है। | मूल्यांकन का कार्य साक्ष्यों के विश्लेषण से निष्कर्ष निकालना है। |
6. |
मापन में अधिक श्रम एवं समय की आवश्यकता नहीं होती। | मूल्यांकन में अधिक श्रम एवं समय की आवश्यकता पड़ती है। |
7. |
मापन पाठ्यवस्तु केन्द्रित होता है। | मूल्यांकन उद्देश्य केन्द्रित होता है। |
8. |
मापन उन निरीक्षणों की और संकेत करता है जो अकात्मक रूप में प्रदर्शित किये जाते हैं। | मूल्यांकन के अन्तर्गत अंकात्मक एवं गुणात्मक दोनों ही प्रकार के निरीक्षणों को स्थान दिया जाता है। |
9. |
मापन किसी भी समय किया जा सकता है। | मूल्यांकन एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। |
10. |
मापन में वस्तु कितनी है ? (How much) का उत्तर दिया जाता है। सुनन्दा ने गणित में 56 अंक प्राप्त किये हैं। यह मापन है। | मूल्यांकन में वस्तु का क्या मूल्य है? (What value) का उत्तर दिया जाता है। सुनन्दा ने गणित में 56% अंक लेकर कक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है, यह मूल्यांकन है। |