प्रमापीकृत एवं अध्यापक निर्मित परीक्षणों में अन्तर | Difference between Standardized and Teacher made Tests in hindi
प्रमापीकृत परीक्षण का अर्थ
प्रमापीकृत वह परीक्षण है जो किसी प्रमाप या तुलनात्मक मानक प्राप्त करने का प्रतिक्रिया है। इसके अन्तर्गत पाठ्य-वस्तु का समालोचनात्मक विश्लेषण किया जाता है। पदों का चयन अत्यन्त सावधानी से किया जाता है। पदों में गुणों के अनुसार समानता रहती हैं एवं उपचारात्मक परीक्षणों की अपेक्षा सांख्यकीय विश्लेषण भी अधिक कड़ाई के साथ होता है।
अध्यापक निर्मित परीक्षण का अर्थ
अध्यापक निर्मित परीक्षाओं से हमारा तात्पर्य उन परीक्षाओं से है जिनका निर्माण कोई अध्यापक अपनी कक्षा के लिए अपने द्वारा पढ़ाये गये विषय के पाठ्यक्रम के उतने भाग के आधार पर करता है जो उसने एक निश्चित अवधि के अन्तर्गत पढ़ाया है। ये परीक्षाएँ विभिन्न विषयों के लिए तैयार की जाती है। इन परीक्षाओं की निर्माण विधि निबन्धात्मक परीक्षाओं एवं मानकीकृत उपलब्धि परीक्षणों भिन्न होती ये परीक्षाएँ वस्तुनिष्ठ होती है लेकिन प्रमाणीकृत नहीं होती।
प्रमापीकृत एवं अध्यापक निर्मित परीक्षणों में अन्तर
यद्यपि प्रमापीकृत एवं अध्यापक-निर्मित परीक्षणों में एक-से ही पद प्रयुक्त होते हैं, फिर भी दोनों में निम्नलिखित भिन्नताएँ दृष्टिगोचन होती हैं-
S.No. | प्रमाणीकृत परीक्षाएँ | अध्यापक-निर्मित परीक्षाएँ |
1. |
मये परीक्षाएं किसी विद्यालय विशेष के पाठ्यक्रम पर आधारित न होकर समस्त विद्यालयों में पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रम पर आधारित होती है। | ये परीक्षाएँ किसी विशेष विद्यालय अथवा किसी कक्षा के विशिष्ट उद्देश्यों को पूर्ति हेतु बनायी जाती है। |
2. |
इन परीक्षाओं का सम्बन्ध ज्ञान के व्यापक क्षेत्र से होता है। | इन परीक्षाओं का सम्बन्ध विशिष्ट एवं सीमित पाठ्यवस्तु से होता है। |
3. |
इन परीक्षाओं में विभिन्न समूहों या स्तरों के मान ज्ञात होते हैं। | इन परीक्षाओं में किसी प्रकार के मानक ज्ञात नहीं किये जाते हैं। |
4. |
इन परीक्षाओं का प्रयोग बालक के विकास सम्बन्धी आलेख पत्र तैयार करने में किया जाता है। | इन परीक्षाओं का प्रयोग यह ज्ञात करने के लिए किया जाता है कि छात्र ने किसी विशिष्ट कौशल में किस सीमा तक दक्षता प्राप्त की है। |
5. |
इन परीक्षाओं का प्रयोग छात्रों का वर्गीकरण, चयन एवं नियोजन करने के लिए किया जाता है। | इन परीक्षाओं का प्रयोग किसी विशिष्ट प्रकरण के विस्तार से परीक्षण के लिए किया जाता है। |
6. |
इन परीक्षाओं में विषयवस्तु का चयन शैक्षणिक उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया जाता है। | इन परीक्षाओं में विषयवस्तु का चयन शिक्षण उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया जाता है। |
7. |
इन परीक्षाओं में धन, समय एवं परिश्रम अधिक व्यय होता है। | इन परीक्षाओं में धन, समय एवं शक्ति कम मात्रा में व्यय होती है। |
8. |
इन परीक्षाओं के निर्माताओं को अनेक सुविधाएं उपलब्ध होती है। | अध्यापक को कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। |
9. |
इन परीक्षणों की रचना में ग्रन्थो, विभिन्न परीक्षणों निर्णायकों आदि के प्रयोग की आवश्यकता होती है। | इन परीक्षणों में अध्यापक के अनुभवों को ही सहारा मात्र माना जाता है। |
10. |
इन परीक्षणों की रचना शिक्षा जगत का कोई भी प्रबुद्ध व्यक्ति कर सकता है। | इन परीक्षणों की रचना एक या दो अध्यापकों की योग्यताओं एवं दक्षताओं पर निर्भर करती है। |