चैक लिस्ट का अर्थ, उपयोग एवं प्रारूप | Meaning, Uses and Format of Checklist in hindi
चैक लिस्ट का अर्थ
चैक लिस्ट एक प्रकार की प्रश्नों की सूची होती है। इस सूची का प्रयोग किसी घटना या प्रक्रिया की उपस्थिति या अनुपस्थिति को देखने या निरीक्षण करने के लिये किया जाता है। इस प्रकार चैक लिस्ट के प्रति बालक द्वारा अनुक्रिया करना वास्तविकता पर आधारित होता है, न कि केवल अनुमान पर। सरल शब्दों में, चैक लिस्ट का अर्थ है, "प्रश्नावली का वह स्वरूप, जिसे व्यक्ति या निरीक्षक को चैक (Check) करने के लिये कहा जाता है।"
चैक लिस्ट की सहायता से निरीक्षण की रिकार्डिंग को क्रमबद्ध या व्यवस्थित करने में सहायता मिलती है तथा इसके द्वारा निरीक्षक को किसी वस्तु, घटना या क्रिया के सभी पक्षों पर विचार किया जा सकता है, जिनका निरीक्षण किया जाना हो। इसके अतिरिक्त चैक लिस्टों या चिह्नांकन सूचियों का उपयोग शिक्षा से सम्बन्धित सर्वेक्षणों के अन्तर्गत भी किया जा सकता है।
चैक लिस्ट का उपयोग
चैक लिस्ट का उपयोग प्रश्नावली के रूप में भी किया जा सकता है। जिस विद्यार्थी का आकलन करना हो उसे यह चेकलिस्ट भरने के लिए दे दी जाती है। हालांकि इस चैकलिस्ट को चाहे विद्यार्थी (जिसका आकलन किया जा रहा हो) द्वारा भरी जाए या शिक्षण/ प्रेक्षणकर्ता द्वारा भरी जाए मुख्य बात है अध्ययन किए जाने वाले गुणों या विशेषताओं की उपस्थिति या अनुपस्थिति को रिकार्ड करना। चैकलिस्ट के पदों (Items) के उत्तर (हाँ या न में) केवल तथ्य है, निर्णय लेने के लिए प्रमाण नहीं। अध्यापक या अवलोकनकर्ता चैकलिस्ट का प्रयोग करते समय केवल व्यवहार गुणों की जांच (हाँ या ना के रूप में) करता है या रिकार्ड करता है, अपनी तरफ से कुछ नहीं कहता है।
चैकलिस्ट का प्रारूप
चैकलिस्ट का सामान्य प्रचलित प्रारूप निम्न प्रकार से होता है-
1. भावात्मक व्यवहार पक्ष (नैतिक गुण) के आकलन के लिए चैकलिस्ट विद्यार्थी के व्यवहार में दिखाई देने वाले प्रत्येक गुण या विशेषता के सामने खाली स्थान/कॉलम में (V) निशान लगाइए-
- ईमानदारी ()
- समय का पाबन्द ()
- सत्यता ()
- कर्तव्यनिष्ठा ()
- आत्मविश्वास ()
2. निम्न अधिगम कौशलों के सामने कोष्ठक में () निशान लगाइए-
- अंको की पहचान ()
- अंको को पढ़ना ()
- गिनना ()
- अंक लिखना ()
- समस्या हल करना ()
चैकलिस्ट का विश्लेषण और व्याख्या
चैकलिस्ट के सभी गुणों या विशेषताओं पर विद्यार्थी के प्रदर्शित व्यवहार के आधार पर निशान लगा लेने के उपरान्त निम्नलिखित प्रकार से उसका विश्लेषण और व्याख्या की जाती है-
- जिस प्रकार से प्रश्नावली के प्रदत्तों का विश्लेषण किया जाता है उसी प्रकार से सर्वप्रथम प्राप्त प्रदत्तों का उचित रूप से संगठन एवं गणना (Tabulation) करनी होती है। सम्पूर्ण आवृत्तियो (Frequencies) की गणना करके प्रतिशत तथा औसत की गणना करनी चाहिए।
- इसके लिए केन्द्रवर्तीमान (central tendencies-mean, median, mode) मध्यमान, मध्यांकमान बहुलांक मान आदि की गणना करनी चाहिए।
- यदि चैकलिस्ट लम्बी हो (जहाँ सम्बन्धित पदों को समूह में रखा गया हो) तो इस अवस्था में चैक किए हुए बिन्दुओं के आकलन को जोड़कर आकलन से सम्बन्धित श्रेणियों के लिए कुल प्राप्तांक उपलब्ध किए जा सकते हैं।